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बुनियादी शिक्षा एवम समसंख्यक को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करता है

चौपारण (हजारीबाग) साक्षर भारत मिशन का मुख्य लक्ष्य 15वर्ष या इससे ऊपर के आयु के लगभग सात करोड़ वयस्को को कार्यात्मक साक्षरता प्रदान किया जाना है,तथा मिशन का पूरक लक्ष्य डेढ़ करोड़ वयस्को को बुनियादी शिक्षा एवम समसंख्यक को व्यावसायिक शिक्षा उपलब्ध करवाया जाना है,उक्त बाते आज प्रखंड कार्यालय में साक्षरता कर्मियों से बात चीत करते हुए प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक मुकुंद साव ने कहा, उन्होंने कहा कि किसी भी देश में साक्षर जनसंख्या का अनुपात उसके सामाजिक आर्थिक विकास का सूचक होता है,क्योंकि इससे रहन -सहन का स्तर ,महिलाओं की सामाजिक स्थिति ,शैक्षिक सुविधाओ की उपलब्धता तथा सरकार की नीतियों का पता चलता है,जैसा कि आप सब जानते है कि साक्षरता को अंग्रेजी में लिट्रेसी (LITERACY) कहते है अगर Literacy को परिभाषित किया जाए तो L- Life (जीवन),I-inteligent (तेज),T-technical (तकनीकी ज्ञान)E -Education (शिक्षा)R -Responsibility (जवाब देह),A -Active (सक्रिय) C -Continiue (लगातार) तथा Y -Yarn (धागा )  उपर्युक्त गुण साक्षरता कर्मियों में होना है और असाक्षरो को देना है, वैसे आप सभी साक्षरता कर्मी विगत 1996से निस्वार्थ भाव से सेवा दे रहे है तो कहीं न कहीं आपमें सेवा,त्याग,और विकसित समाज के निर्माण के प्रति प्रतिबद्धता है,परंतु सरकार की रवैया भी साक्षरता के प्रति उदासीन रहा है,हजारीबाग साक्षरता के लिए तो सबसे दुर्भाग्य की बात 2015में हुई जब जिला साक्षरता समिति के सचिव पद से श्री विजय कुमार सर का स्थानांतरण हो गया,उसमे भी कहीं न कहीं हमलोग  भी दोषी है,जिसे स्वीकार करने में कोई संकोच नहीं है, उस समय से  हजारीबाग साक्षरता अभिभावक विहीन हो गया,विजय सर में सबको लेकर चलने और कार्यक्रम को धरातल पर उतारने का एक बेहतरीन अनुभव था जिसका लाभ हजारीबाग साक्षरता को मिलता था,उनके बाद जो भी सचिव आए वो सिर्फ अपनी ड्यूटी किए , और ऐसा इसलिए भी होता था कि उनके जिम्मे कई कार्य होते थे,जिसमे साक्षरता अंतिम पायदान पर होता था, हमलोगों को स्वयं अखिलेश नारायण दास के नेतृत्व में और निशार खान वारसी के सकारात्मक सहयोग से आगे बढ़ना पड़ा,हजारीबाग जिला में कुल 10बीपीएम बढ़ चढ़कर कार्यक्रम की सफलता के लिए सहभागिता सुनिश्चित करते रहे,जिला के कुल 257पंचायत में 514प्रेरक अपनी निस्वार्थ भाव से सेवा दे रहे है और असाक्षरों को साक्षर करने तथा सरकार के अन्य कार्यक्रमों में अपनी सेवा देते रहे है,मुकुंद साव ने सभी साक्षरता कर्मियों को उत्साह वर्धन करते हुए कहा कि आप पूर्व की तरह आज भी कार्यक्रम को धरातल पर उतारने में कोई कसर ना छोड़े, 1996 में संपूर्ण साक्षरता अभियान,1999 में उत्तर साक्षरता कार्यक्रम,2006 में सतत शिक्षा कार्यक्रम,2010 में साक्षर भारत मिशन, 2021 में पढ़ना लिखना अभियान और वर्तमान में नव भारत साक्षरता कार्यक्रम में हमलोग सेवा दे रहे है,श्री साव ने प्रखंड साक्षरता समिति के अध्यक्ष प्रखंड विकास पदाधिकारी तथा प्रखंड साक्षरता समिति के सचिव प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी दोनो के सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि अच्छे पदाधिकारियों के साथ हमलोग कार्य कर रहे है,इसलिए शत प्रतिशत कार्य को धरातल पर उतारने के लिए कार्य करे,कार्यक्रम में शहजादी खातून,कृष्ण कुमार साव,मिथुन कुमार शर्मा,सुखदेव यादव,रंजित कुमार यादव, रूपा देवी,मंजू देवी,शारदा देवी,ज्योति देवी, आरती देवी,फूलवंती देवी,पुष्पा देवी,सुधीर कुमार राणा,सुनीता देवी, जयमणि देवी,भुनेश्वर साव,मैना राणा,गीता देवी,वजीर रजक,प्रतिमा देवी सहित लगभग 50 साक्षरता कर्मी उपस्थित थे,

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