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डीसी के दोहरी चाल से अचंभित हैं टिटही रैयत

टिटही के ग्रामीण भू-रैयतों ने डीसी को सौपा ज्ञापन समाधान का आश्वासन,वही दूसरे तरफ शक्ति से पालन करने का आदेश

चौपारण प्रखंड के सिंघरावां पंचायत के जीटी रोड टिटही के भू-रैयतों ने शुक्रवार को जिला उपायुक्त को आवेदन देकर उचित मुआवजा का मांग किया था। साथ ही मांग किया कि रैयतों को एसी कोर्ट से जजमेंट मिलने के उपरांत एनएचआई द्वारा न्यायालय में अपील आने तक मकान व दुकान को यथावत रहने दिया जाय। आवेदन के आलोक में उपायुक्त नैंसी सहाय ने कहा कि मुझे दो दिन का समय दें। मैं एनएचआई पीड़ी, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के साथ बैठक कर उचित मुआवजा दिलवाने की करवाई करते है। उन्होंने रैयतों से जानकारी लिया कि सिंघरावां-पिपरा एवं टिटही में कितना दूरी है। रैयतों ने बताया कि तीनों गांव एक दूसरे से सटे हुए है और मुआवजा में काफी अंतर है। टिटही का मुआवजा लगभग 2200 रुपये डिसमिल दिया गया है और सिंघरावां-पिपरा का मुआवजा लगभग एक लाख 14 हजार रुपये डिसमिल दिया गया है। जबकि टिटही मौजा में 40 साल से दुकान एवं मकान बना हुआ है। जो व्यसायिक स्थल के रूप में चला आ रहा है। जबकि अन्य जगहों पर अधिकतर आवासीय मकान है। यह बात सुन कर डीसी ने टिटही के रैयतों को एक तरफ मकान व दुकान नही तोड़ने एवं दो दिन में समाधान करने की बात कही। वहीं दूसरी तरफ दो बस महिला-पुरुष पुलिस जवान, मजिस्टेट नियुक्त कर अगले ही दिन पोकलेन लगा कर मकान व दुकान को जमीदोष कर दिया। उपायुक्त के दोहरी चाल से टिटही सहित जिले जीटी रोड के किनारे बसे रैयत अचंभित है। रैयतों को एक तरफ एसी कोर्ट जजमेंट मिलना, दूसरी तरफ एनएचआई न्यायालय में अपील कर मामले को लटका दिया है। वही एक सितंबर 2019 को लोक अदालत द्वारा रैयतों व एनएचआई को नोटिस भेज कर समाधान करवाना चाहती थी। टिटही के रैयत लोक अदालत के आदेश का पालन कर ससमय उपस्थित हुआ। पर एनएचआई के अधिकारी लोक अदालत के आदेश का अवहेलना करते हुए उपस्थित नही हुआ। मालूम हो कि रैयतों ने न्यायालय में परिवाद दायर करते हुए उचित मुआवजे की मांग 2014-15 में किया था। रैयतों द्वारा न्याय की गुहार पर अपर समाहर्ता न्यायालय ने परिवाद का उचित करवाई की प्रक्रिया पूरी कर जिला भू-अर्जन और एनएचआई को आदेश दिया था। कम मुआवजे राशि से आहत होकर टिटही के भू रैयत मिथिलेश्वर प्रसाद राणा, बीरेंद्र कुमार राणा, किशुन राम, प्रकाश राम, गिरधारी राम, लालजी राम, रामाधीन राम, काली राम, जगन्नाथ राम एवं बच्छई के महेंद्र कुमार राणा ने न्यायालय का शरण लिया था। जिसका निष्पादन कन्या प्राथमिक विद्यालय टिटही में अपर समाहर्ता द्वारा किया गया था।

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